मुझे लत है!!

मुझे लत है!!
मै खुद को खोद खोद कर..
खुद में पीड़ा खोजता हूँ!!
और फिर उस पीड़ा के नशे में..
मै खुद को दफन कर देता हूँ !!

लदी हुई है

लदी हुई है रेशमी चादरों से वो हरी मजार,
पर बाहर एक बूढ़ी अम्मा को ठंड से ठिठुरते देखा है।

उस को भी

उस को भी हम से मोहब्बत हो ज़रूरी तो नहीं…
इश्क़ ही इश्क़ की क़ीमत हो ज़रूरी तो नहीं…..