उस को भी

उस को भी हम से मोहब्बत हो ज़रूरी तो नहीं…
इश्क़ ही इश्क़ की क़ीमत हो ज़रूरी तो नहीं…..

हारने के बाद

हारने के बाद इंसान नहीं टूटता…..

हारने के बाद लोगों का रवय्या उसे टूटने पर मज़बुर करता है…..

कभी यूँ भी

कभी यूँ भी हुआ है हंसते-हंसते तोड़ दी हमने…
हमें मालूम नहीं था जुड़ती नहीं टूटी हुई चीज़ें..!!

लोग रूप देखते हैं

लोग रूप देखते हैं, हम दिल देखते हैं;

लोग सपना देखते हैं, हम हकीकत देखते हैं;

बस फर्क इतना है कि लोग दुनिया में दोस्त देखते हैं;

हम दोस्तों में दुनिया देखते हैं।