by pyarishayri - Facebook Status, Sad Shayri, Shayari, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, WhatsApp Status, Zindagi Shayri, गरीबी शायरी, गरूर शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - February 23, 2017 घर के बाहर घर के बाहर ढूँढता रहता हूँ दुनिया, घर के अंदर दुनिया-दारी रहती है।।