by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Love Shayri, Mosam Shayri, Shayari, Shayri, पारिवारिक शायरी, प्यारी शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - November 19, 2016 मुहब्बतों के दिनों की मुहब्बतों के दिनों की यही ख़राबी है , यह रूठ जायें तो फिर लौटकर नहीं आते |