by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Love Shayri, Mosam Shayri, Shayari, Shayri, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, शायरी, हिंदी शायरी - November 8, 2016 ख़त्म होती हुई ख़त्म होती हुई इक शाम अधूरी थी बहुत… ज़िंदगी से ये मुलाक़ात ज़रूरी थी बहुत…