अब ना रहा तेरा कोई राब्ता मुझसे,
शायद …..इसलिए ……,
मेरी खामोशियां भी है अब बेअसर तुझपे।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अब ना रहा तेरा कोई राब्ता मुझसे,
शायद …..इसलिए ……,
मेरी खामोशियां भी है अब बेअसर तुझपे।