by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, प्यार, प्यार शायरी, प्यारी शायरी, याद, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - October 29, 2016 लाख तलवारे बढ़ी लाख तलवारे बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ; सर झुकाना नहीं आता तो झुकाए कैसे.