by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, Urdu Shayri, प्यारी शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - October 21, 2016 सच को तमीज़ ही नहीं सच को तमीज़ ही नहीं बात करने की.. झूठ को देखो, कितना मीठा बोलता है…