by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Hinglish Shayri, Shayari, Shayri, प्यार, प्यारी शायरी, शायरी, हिंदी - September 29, 2016 तिजोरी में छिपा बैठा है। भूख फिरती है मेरे शहर में नंगे पाँव.. रिज़्क़ ज़ालिम की तिजोरी में छिपा बैठा है।