तू नही तेरे अंदर बैठे रब्ब से मोहब्बत है मुझे..
तू तो बस एक ज़रिया है मेरी इबादत का…..!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तू नही तेरे अंदर बैठे रब्ब से मोहब्बत है मुझे..
तू तो बस एक ज़रिया है मेरी इबादत का…..!!