एक एक कर इतनी
कमियाँ निकाली लोगो ने
मुझमें की ……अब सिर्फ खूबियाँ ही रह गयी है
मुझमें |
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
एक एक कर इतनी
कमियाँ निकाली लोगो ने
मुझमें की ……अब सिर्फ खूबियाँ ही रह गयी है
मुझमें |