कितने ऐबों से छुपा रखा है मेरे “रब” ने मुझे.
लोग आज भी मुझसे कहते है, “हमारे लिए दुआ करना|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कितने ऐबों से छुपा रखा है मेरे “रब” ने मुझे.
लोग आज भी मुझसे कहते है, “हमारे लिए दुआ करना|