by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, Urdu Shayri, प्यार, प्यार शायरी, प्यारी शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - August 26, 2016 चूल्हा सुलगाती थी माँ जब फूंक से चूल्हा सुलगाती थी…… मेरी रोटी भी साँस लेती थी……