सड़क पर क्यूँ ले

सड़क पर क्यूँ ले आया तू मोहब्बत के वो घर
उन चौखटों से इश्क की वो अजान कहाँ गयी,
कभी मुस्कुरा लिया करते थे उसको याद कर,
अब उसकी याद में डूबी वो सर्द शाम कहाँ गयी |

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