किसी की आस बनकर फिर उसे तन्हा नहीं करते,
भले कितना ही मुश्किल हो, सफर छोङा नहीं करता..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
किसी की आस बनकर फिर उसे तन्हा नहीं करते,
भले कितना ही मुश्किल हो, सफर छोङा नहीं करता..