शायरी का बादशाह तब बनुगाँ मैं जिसके लिए
लिखता हुँ वो शक्स खुद आकर कहे:-
” वा शायर बापु गजब”
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
शायरी का बादशाह तब बनुगाँ मैं जिसके लिए
लिखता हुँ वो शक्स खुद आकर कहे:-
” वा शायर बापु गजब”