दिल की कोरी किताब

दिल की कोरी किताब लाया हूँ, नर्म नाज़ुक गुलाब लाया हूँ ।

तुमने डर-डर के जो लिखे ही नहीं, उन खतों के जवाब लाया हूँ ॥

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