by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, Urdu Shayri, प्यार, प्यार शायरी, प्यारी शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - August 26, 2016 कौन सा गुनाह कर बैठे हैं खुदा जाने कौन सा गुनाह कर बैठे हैं हम, तमन्नाओं वाली उम्र में, तजुर्बे मिल रहे हैं..