अभी तो मेरी ज़रुरत है मेरे बच्चों को
बड़े हुए तो ये ख़ुद इन्तिज़ाम कर लेंगे
इसी ख़याल से हमने ये पेड़ बोया है
हमारे साथ परिंदे क़याम कर लेंगे|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अभी तो मेरी ज़रुरत है मेरे बच्चों को
बड़े हुए तो ये ख़ुद इन्तिज़ाम कर लेंगे
इसी ख़याल से हमने ये पेड़ बोया है
हमारे साथ परिंदे क़याम कर लेंगे|