यू तो अल्फाज नही हैं आज मेरे पास मेहफिल में सुनाने को,
खैर कोई बात नही, जख्मों को ही कुरेद देता हूँ।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
यू तो अल्फाज नही हैं आज मेरे पास मेहफिल में सुनाने को,
खैर कोई बात नही, जख्मों को ही कुरेद देता हूँ।