यूं देखिए तो आंधी में बस इक शजर गया
लेकिन न जाने कितने परिंदों का घर गया.
जैसे ग़लत पते पे चला आए कोई शख़्स
सुख…ऐसे मेरे दर पे रुका…और गुज़र गया….!!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
यूं देखिए तो आंधी में बस इक शजर गया
लेकिन न जाने कितने परिंदों का घर गया.
जैसे ग़लत पते पे चला आए कोई शख़्स
सुख…ऐसे मेरे दर पे रुका…और गुज़र गया….!!!