मैं शिकायत क्यों करूँ

मैं शिकायत क्यों करूँ,

ये तो क़िस्मत की बात है..!!
तेरी सोच में भी मैं नहीं,

मुझे लफ्ज़ लफ्ज़ तू याद हैं

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