बादलों से मिलता हुआ मिजाज़ था मेरे प्यार का,
कभी टूट के बरस गया कभी बेरुखी से गुज़र गया।।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बादलों से मिलता हुआ मिजाज़ था मेरे प्यार का,
कभी टूट के बरस गया कभी बेरुखी से गुज़र गया।।