by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, जिंदगी शायरी, दर्द शायरी, प्यारी शायरी, वक्त-शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - October 23, 2016 तुम क्यूँ अपनी तुम क्यूँ अपनी आँखें सुर्ख करते हो,हमारा क्या है हम तो मोहब्बत की सजा काट रहे है|