तलब उठती है बार – बार… तुमसे बात करने की !
धीरे – धीरे ना जाने कब…. तुम मेरी लत बन गये !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तलब उठती है बार – बार… तुमसे बात करने की !
धीरे – धीरे ना जाने कब…. तुम मेरी लत बन गये !!