तज़ुर्बा है मेरा….
मिट्टी की पकड़
मजबुत होती है,
संगमरमर पर तो हमने
पाँव फिसलते देखे हैं…!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तज़ुर्बा है मेरा….
मिट्टी की पकड़
मजबुत होती है,
संगमरमर पर तो हमने
पाँव फिसलते देखे हैं…!