हम सायादार पेड़ ज़माने के काम आये
जब सूखने लगे तो जलाने के काम आये
तलवार की नयाम कभी फेंकना नहीं
मुमकिन है दुश्मनों को डराने के काम आये
कच्चा समझ के बेच न देना मकान को
शायद कभी ये सर को छुपाने के काम आये।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हम सायादार पेड़ ज़माने के काम आये
जब सूखने लगे तो जलाने के काम आये
तलवार की नयाम कभी फेंकना नहीं
मुमकिन है दुश्मनों को डराने के काम आये
कच्चा समझ के बेच न देना मकान को
शायद कभी ये सर को छुपाने के काम आये।