इंकार को इकरार कहते हैं

इंकार को इकरार कहते हैं,
खामोशी को इज़हार कहते है ,
क्या दस्तूर है इस दुनिया का,
एक खूबसूरत सा धोखा है ,
जिसे लोग

‘प्यार’ कहते हैं |

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