आदत छोड़ दी है

कुछ तब्दिलियाँ और समझौते कर लिए हैं

हालात – ए ज़िदंगी से हमने
अब आकाश में मौन तलाशते हैं

और पीछे मुड़ कर देखने की आदत छोड़ दी है !!

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