by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Hinglish Shayri, Shayari, Shayri, प्यारी शायरी, वक्त-शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - September 29, 2016 अपनी रूह तेरे जिस्म में उठाइये हम अपनी रूह तेरे जिस्म में छोड़ आए फ़राज़ तुझे गले से लगाना तो एक बहाना था|