अजीब सी बस्ती में ठिकाना है मेरा जिसे वो ‘शहर’
कहते हैं…
जहाँ लोग मिलते कम, झाँकते ज्यादा हैं….
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अजीब सी बस्ती में ठिकाना है मेरा जिसे वो ‘शहर’
कहते हैं…
जहाँ लोग मिलते कम, झाँकते ज्यादा हैं….