वो महफिल में नही खुलता है
तन्हाई में खुलता है
समंदर कितना गहरा है
ये गहराई में खुलता है !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
वो महफिल में नही खुलता है
तन्हाई में खुलता है
समंदर कितना गहरा है
ये गहराई में खुलता है !!