वो खत जिन्हें तुमको भेजने की हिम्मत ना हुई।
हम हर रोज उन्हें पढ़कर सोचते है कि ‘तुम पढ़ती तो क्या सोचती’???
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
वो खत जिन्हें तुमको भेजने की हिम्मत ना हुई।
हम हर रोज उन्हें पढ़कर सोचते है कि ‘तुम पढ़ती तो क्या सोचती’???