मोहब्बत के रास्ते कितने भी मखमली क्युँ न हो…
खत्म तन्हाई के खंडहरों में ही होते है…!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मोहब्बत के रास्ते कितने भी मखमली क्युँ न हो…
खत्म तन्हाई के खंडहरों में ही होते है…!!