जो मिलते हैं.. वो बिछड़ते भी हैं साहेब…
हम नादान थे..
एक शाम की मुलाकात को ज़िन्दगी समझ बैठे..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जो मिलते हैं.. वो बिछड़ते भी हैं साहेब…
हम नादान थे..
एक शाम की मुलाकात को ज़िन्दगी समझ बैठे..