उसने एक बार….
अपनी बाहो में भर कर अपना कहा था मुझको
उस दिन से आज तक मैं अपने आप का भी ना हो सका|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
उसने एक बार….
अपनी बाहो में भर कर अपना कहा था मुझको
उस दिन से आज तक मैं अपने आप का भी ना हो सका|