तू मूझे नवाज़ता है, ये तेरा करम है मेरे
मौला
वरना तेरी मेहरबानी के लायक मेरी
इबादत कहाँ |
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तू मूझे नवाज़ता है, ये तेरा करम है मेरे
मौला
वरना तेरी मेहरबानी के लायक मेरी
इबादत कहाँ |