by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, Urdu Shayri, Zindagi Shayri, जिंदगी शायरी, दर्द शायरी, पारिवारिक शायरी, प्यार, प्यार शायरी, प्यारी शायरी, बचपन शायरी, याद, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - September 20, 2016 जरुरतों ने कुचल डाला है जरुरतों ने कुचल डाला है मासूमियत को साहब यूं.. वक्त से पहले ही बचपन रूठ गया |