by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, Urdu Shayri, प्यार, प्यार शायरी, प्यारी शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - August 27, 2016 रिश्तों की कोई और किताब मुझे सीखाओ ना रिश्तों की कोई और किताब! पढीं है…..बाप के चहरे की….. झुर्रियां मैने…