मजबूरी ने ही मुझे उस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया
जहाँ तक नजर जाती है कुछ और ही नजर आता है।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मजबूरी ने ही मुझे उस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया
जहाँ तक नजर जाती है कुछ और ही नजर आता है।