by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, Zindagi Shayri, प्यारी शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - August 25, 2016 तमाम रात सहर की तमाम रात सहर की दुआएँ माँगी थीं खुली जो आँख तो सूरज हमारे सर पर था|