अब गुमसुम सी रहती हैं

अब गुमसुम सी रहती हैं उँगलियाँ अपनी सहेलियों के बिना
और आंखे इस अफ़सोस मे कि छुपाया क्यों नही उसे जब वो डूबा था|

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version