तुमनें हमें अपनों से

तुमनें हमें अपनों से बहुत दूर कर दिया !
चाहत नें तेरी लड़नें को मजबूर कर दिया !!
आयी न हाँथ फिर भी तू बस नाचती रही !
कितनों को तुमनें आज बेसहूर कर दिया !!

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