हर कोई ज़ुबान वाला है मगर वो ज़ुबान नहीं रखता,
अपने अंदर सादगी और दूसरों के लिए दुआ नहीं रखता,
काट कर मैं रख चुका हूँ अपने दिल को उसके कदमों में,
मगर वो बे-गैरत मेरे लहू के भी निशान नहीं रखता..!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हर कोई ज़ुबान वाला है मगर वो ज़ुबान नहीं रखता,
अपने अंदर सादगी और दूसरों के लिए दुआ नहीं रखता,
काट कर मैं रख चुका हूँ अपने दिल को उसके कदमों में,
मगर वो बे-गैरत मेरे लहू के भी निशान नहीं रखता..!!