मंज़िल इन्सान के हौसले आजमाती है,
सपनों के परदे आँखों से हटाती है,
किसी भी बात से हिम्मत मत हारना,
ठोकर ही इन्सान
को चलना सिखाती हैं।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मंज़िल इन्सान के हौसले आजमाती है,
सपनों के परदे आँखों से हटाती है,
किसी भी बात से हिम्मत मत हारना,
ठोकर ही इन्सान
को चलना सिखाती हैं।