गुमसुम यादें, सूने सपने, टूटती-जुड़ती उम्मीदें ..
डरता हूँ, कैसे कटेगा, उमर है कोई रात नहीं ..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
गुमसुम यादें, सूने सपने, टूटती-जुड़ती उम्मीदें ..
डरता हूँ, कैसे कटेगा, उमर है कोई रात नहीं ..