दिललगी मै वक़्त-ए-तन्हाई
ऐसा भी आता है,
रात तो आसानी से गुजर जाती है, मगर अँधेरे नही जाते!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
दिललगी मै वक़्त-ए-तन्हाई
ऐसा भी आता है,
रात तो आसानी से गुजर जाती है, मगर अँधेरे नही जाते!!