चल आ तेरे पैरो पर

चल आ
तेरे पैरो पर मरहम लगा दूं ऐ मुक़द्दर.

कुछ चोटे तुझे भी तो आई ही होगी,
मेरे सपनो को ठोकर मारते मारते !

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