by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, प्यारी शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्यशायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, शायरी, हिंदी शायरी - November 10, 2016 सोचो तो सिलवटों से सोचो तो सिलवटों से भरी है तमाम रूह देखो तो इक शिकन भी नही है लिबास में