by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, प्यारी शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - October 15, 2016 माना कि औरों के जितना माना कि औरों के जितना पाया नहीं…पर..खुश हूँ कि कभी स्वयं को गिरा कर कुछ उठाया नहीं..